abu bakar siddiq r.a
HAZRAT ABU BAKAR SIDDIQ (R.A)
अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा मेहरबान रहम करने वाला है
अबू बकर सिद्दीक़ (रज़ी) इस्लाम के पहले खलीफा थे आज मैं आप को उस हस्ती के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहा हूँ जिनका जानना हर मुसलमान के लिए निहायत ही ज़रूरी है।
जैसा के देखा जा रहा है हम लोग अपने दीन से दूर होते जा रहे हैं। हमें दुनिया की बाक़ी सब बाते पता होती हैं लेकिन जब बात हमारे खुद के दीन से जुड़ी होती है तो हम बगले झाकने लगते हैं।
मेरी ये एक छोटी से कोशिश है आप लोगो तक इस्लाम के उन हीरो की ज़िन्दगी के बारे में बताने की जिन के बारे में हमारा जानना बहुत ज़रूरी है।
आप अबू बक़र सिद्दीक़ के नाम से मशहूर हैं। अबू बक़र आप की कुन्नियत है। आप का असली नाम अब्दुल्लाह बिन उस्मान है। आप के वालिद भी अपनी कुन्नियत से जाने जाते थे इनकी कुन्नियत अबू कुहाफ़ा थी
यानि के हम जनाबे अबू बक़र को अब्दुल्लाह बिन उस्मान या अब्दुल्लाह बिन अबू कुहाफ़ा कह सकते हैं।
आप की पैदाईश आम अलफील के वाकिए के दो साल बाद हुई आम अल फील का ज़िक्र क़ुरआन में है (सूरह 105 अलफील)
आम अल फील को अंग्रेजी में The Year Of The Elephant कहा जाता है ये वही साल है जिसमे अल्लाह के हबीब मोहसिन ऐ क़ायनात जनाब ऐ मुस्तफ़ा मोहम्मद सल्ललल लाहो अलैहे वस्सलम इस दुनिया में तशरीफ़ लाए। इसी साल प्यारे नबी के वालिद का इन्तिक़ाल हुआ और इसी साल अबरहा ने खाना ऐ क़ाबा पर हमला किया था। हाथी को अरबी में फील कहा जाता है।
27 अक्टूबर 572 ईस्वी को आप मक्क़ा में मिना (एक जगह का नाम) में पैदा हुए।
8 जून 632 ईस्वी को आप ख़लीफ़ा बने। आप 2 साल 3 माह तक ख़लीफ़ा रहे और 23 अगस्त 634 ईस्वी को आप इस दुनिया ऐ फ़ानी से रुखसत हुए।
आप को प्यारे नबी के बराबर में तद्फीन किया गया
बाकी अगली पोस्ट में
follow कर लीजिए जिससे आप को मेरी हर पोस्ट मिलती रहे
इंशा अल्लाह आप लोगो की खिदमत में ऐसे ही इस्लामी मालूमात पोस्ट करता रहूँगा।
इस में कुछ भी आप को गलत लगे तो ज़रूर बतायें। मुझसे गलती भी हो सकती है।
अल्लाह मेरी गलतियों को माफ़ करे
दुआ का तालिब : नदीम खान
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