MERI TAUBA MERI TAUBA
MERI TAUBA MERI TAUBA MERI TAUBA TAUBA
तू माफ़ करेगा ___ मेरे सारे गुनाह
मेरी तौबा मेरी तौबा मेरी तौबा तौबा
मुझे मालूम है मुजरिम हूँ मैं और तू मेरा हाक़िम
जब ही तो आज मेरी आँख में अश्क़ो की है रिमझिम
कोई बंदा तेरे दर पर जो आँसू रोल देता है
मेरे मौला दर-ए-तौबा तू उस पर खोल देता है
तू ज़रूर सुनेगा मेरे दिल की सदा
मेरी तौबा मेरी तौबा मेरी तौबा तौबा
तेरे दर पे मैं क्यूँ ना सवाल करुँ
तू रहीम भी तू करीम भी है
मैं तो पस्त भी हूँ मैं हक़ीर भी हूँ
तू बुलंद भी है तू अज़ीम भी है
जो मैं झेल चुका वो बहुत है सजा
मेरी तौबा मेरी तौबा मेरी तौबा तौबा
ग़म का मारा हूँ बेसहारा हूँ
हूँ बुरा या भला तुम्हारा हूँ
मेरे गुनाह ज़्यादा हैं या तेरी रहमत
करीम तू ही बता दे हिसाब कर के मुझे
मुझे कर दे माफ़ अपने रसूल-ए-पाक के सदके
ख़ताए बख्श दे मेरी शाह-ए-औलाक के सदके
मेरे मालिक दुहाई है तुझे आल-ए-पयम्बर की
रिहा कर दे ग़मो से करबला की ख़ाक के सदके
अंधेरो में मुझे ताबिन्दगी दे दे मेरे मौला
नया मुझको शहूर-ए-जिंदिगी दे दे मेरे मौला
मेरी तौबा मेरी तौबा मेरी तौबा तौबा
शायर - नामालूम
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