Ek Ghadi Aur Thahar
इक घड़ी और ठहर _______ के जान बाक़ी है
तेरे लब पे मेरे होने का ______ निशाँ बाक़ी है
शब् के चेहरे पे चढ़ा रंग ___ सवेरे का तो क्या
ढ़लते ख़्वाबों में अभी __ अपना जहाँ बाक़ी है
यूँ बिछड़ के तू मुझसे ___ ना सजा दे खुद को
अभी हाथों से तेरे ____ जुर्म-ऐ-गुनाह बाक़ी है
खिलते फूलों का फ़साना __ तो बस बहाना था
बुझते शोलों की दास्तां _______ अभी बाक़ी है
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